जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
O Lord! I beseech Your assistance and request your divine blessing at this incredibly minute. Help save and defend me. Wipe out my enemies using your Trishul. Launch me from the torture of evil views.
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर shiv chalisa lyricsl में छिड़क दें।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन